सिया विवाद पर मोहन यादव का एक्शन, 2 आईएएस अधिकारियों की छुट्टी की
भोपाल: मध्य प्रदेश स्टेट एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी यानि सिया के अध्यक्ष शिवनारायण सिंह चौहान का दफ्तर सील करने और 450 से अधिक पर्यावरणीय अनुमतियां जारी करने का आरोप लगने के बाद राज्य शासन ने पर्यावरण विभाग से संबंधित दो आईएएस अधिकारियों को हटा दिया है. अब इनकी जगह दूसरे आईएएस अधिकारियों को पर्यावरण विभाग और एप्को के महानिदेशक व कार्यपालन संचालक का प्रभार सौंपा गया है.
बुधवार को जारी आदेश के तहत 1991 बैच के आईएएस अशोक वर्णवाल को अपर मुख्य सचिव पर्यावरण विभाग और एप्को के महानिदेशक का प्रभार सौंपा है. जबकि दीपक आर्य को एप्को का कार्यपालन संचालक बनाया गया है.
नवनीत कोठारी को बनाया राजभवन में प्रमुख सचिव
दरअसल, 2001 बैच के आईएएस अधिकारी नवनीत मोहन कोठारी और सिया के चेयरमेन शिवनारायण सिंह चौहान के बीच हुए विवाद की वजह से कोठारी को पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव और एप्को के महानिदेशक के पद से हटना पड़ा. अब नवनीत कोठारी की जगह पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी अशोक बर्णवाल को सौंपी गई है.
वहीं इस मामले में 2013 बैच की आईएएस उमा महेश्वरी आर का नाम भी सामने आया था. ऐसे में महेश्वरी का कार्यभार आईएएस दीपक आर्य को सौंपा गया है. बता दें कि, अभी बर्णवाल के पास अपर मुख्य सचिव, वन विभाग तथा कृषि उत्पादन आयुक्त का प्रभार भी है. वहीं बर्णवाल को राज्यपाल का प्रमुख सचिव बनाया गया है.
इन आईएएस अधिकारियों के भी बदले प्रभार
2011 बैच के चन्द्रमौली शुक्ला वर्तमान में प्रबंध संचालक, एमपी इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पाेेशन लिमिटेड एवं प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश स्टेट इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पाेेशन लिमिटेड, तथा आयुक्त, विमानन (अतिरिक्त प्रभार) का कार्यभार संभाल रहे हैं. अब उनको आईएएस सिबी चक्रवर्ती की जगह अपने वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक अपर सचिव का प्रभार अतिरिक्त रूप से सौंपा गया है.
एप्को के महानिदेशक पद से उमा को हटाया
केसी गुप्ता को अपर मुख्य सचिव, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसके बाद अमित राठौर, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त होंगे. वहीं, नए आदेश के तहत उमा महेश्वरी आर सह-आयुक्त-सह-संचालक, भारतीय चिकित्सा पद्धति एवं होम्योपेथी, मध्य प्रदेश भोपाल तथा कार्यपालन संचालक के पद पर बनी रहेंगी. लेकिन पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को), भोपाल (अतिरिक्त प्रभार) से मुक्त होंगी.