कांग्रेस अधिवेशन में खरगे ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- हम आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे, महाराष्ट्र चुनाव में धांधली से जीती भाजपा!

गुजरात के अहमदाबाद में साबरबती नदी के तट पर कांग्रेस के दो दिवसीय अधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने चुनावों में धांधली, अमेरिकी टैरिफ, वक्फ संशोधन कानून और लोकतंत्र के मुद्दे पर निशाना साधा। आरोप लगाया कि आज सरकार का हर तरफ दखल बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रही है।
दुनिया में कहीं भी ईवीएम नहीं
मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि चुनावी संस्थाएं भी सरकार के कब्जे में हैं। सरकार हर चीज में दखल दे रही है। चुनावों में स्कैम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक तकनीक में विकास के साथ ही दुनिया के विकसित देशों ने ईवीएम को छोड़ दिया है और बैलेट पेपर को अपना लिया है।
दुनिया में कहीं भी ईवीएम उपलब्ध नहीं है। देश के 140 करोड़ लोग लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं। आज या बाद में इस देश के युवा उठेंगे और आपका हाथ थामेंगे। कहेंगे कि हमारे पास ईवीएम नहीं... बैलेट पेपर होना चाहिए।
भाजपा धोखाधड़ी करके जीती महाराष्ट्र चुनाव
खरगे ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने धोखाधड़ी करके जीत दर्ज की है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ईवीएम से बैलेट पेपर की ओर बढ़ रही है। मगर हम ईवीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह धोखाधड़ी है। वे हमसे इसे साबित करने को कहते हैं। आपने ऐसी तकनीक तैयार की हैं, जिससे सत्ताधारी पार्टी को फायदा होता। विपक्ष दलों को नुकसान उठाना पड़ता है।
चुनाव आयोग ने कैसे मतदाता सूची बनाई?
खरगे ने अपने संबोधन में कहा कि महाराष्ट्र में क्या हुआ? राहुल गांधी ने संसद और प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह सवाल उठाया लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं हुआ। विधानसभा और संसद चुनाव के बीच में अगर वहां 50 लाख वोट बढ़ गए हैं तो यह कैसा चुनाव आयोग है, किस तरह से मतदाता सूची बनाई है? महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में धोखाधड़ी की गई।
11 साल से संविधान पर हमला कर रही भाजपा
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले 11 सालों में सत्ताधारी पार्टी ने लगातार संविधान पर हमला किया है। इसे रोकना जरूरी है। हम सब इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बजट सत्र में सरकार ने लोकतांत्रिक मानदंडों को दरकिनार किया। लोकसभा अध्यक्ष ने पहले विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बोलने के लिए आमंत्रित किया। मगर बाद में उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी। लोकतंत्र में यह शर्मनाक है। खरगे ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता को संसद में बोलने की अनुमति नहीं मिलेगी तो आम लोगों की आवाज कैसे सुनी जाएगी?
अमेरिकी टैरिफ पर नहीं होने दी चर्चा
खरगे ने कहा कि अमेरिका ने हमारे खिलाफ 26 फीसदी टैरिफ लगाया। मगर सरकार ने संसद में इस पर कोई चर्चा नहीं होने दी। हमने उसी दोपहर को इस मुद्दे को उठाया था।
पूंजीपतियों को पहुंचाया जा रहा फायदा
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं। अंतर बस इतना है कि पहले सांप्रदायिकता से विदेशियों को फायदा होता था,अब सरकार को हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की अर्थव्यवस्था में एकाधिकार को स्थापित किया जा रहा है। मोदी सरकार पर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी संपत्तियों को बेच रही है
जनता से कुछ छिपाना चाहते हैं
अधिवेशन में खरगे ने वक्फ संशोधन अधिनियम का जिक्र किया और कहा कि जनता से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय सरकार ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए देर रात तक बहस की। मणिपुर जैसे अहम मुद्दों पर सुबह 4:40 बजे ही बहस शुरू हो गई। मैंने शाह से कहा कि हमें अगले दिन इस बारे में बात करनी चाहिए। मगर सरकार ने मना कर दिया। इससे पता चलता है कि वे जनता से कुछ छिपाना चाहते हैं?