हरियाणा में बनेगा पहला आईआईटी, केंद्र सरकार ने दी सैद्धांतिक मंजूरी

हरियाणा में जल्दी प्रदेश का पहला इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी (आईआईटी) बनने जा रहा है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हरियाणा में आईआईटी के निर्माण संबंधी प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है।अब हरियाणा सरकार इस प्रस्ताव को सिरे चढ़ाने के लिए उपयुक्त तथा अनुकूल जमीन की व्यवस्था करेगी। हरियाणा में जमीन मिलना काफी चुनौतीपूर्ण काम है। राज्य में तीन केंद्रीय मंत्रियों मनोहर लाल, कृष्णपाल गुर्जर और राव इंद्रजीत समेत भाजपा के पांच सांसद हैं।
पांच सांसद कांग्रेस के हैं। ऐसे में मनोहर लाल के करनाल, कृष्णपाल गुर्जर के फरीदाबाद, राव इंद्रजीत के गुरुग्राम, चौधरी धर्मबीर सिंह के भिवानी-महेंद्रगढ़ और नवीन जिंदल के कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र में से किसी एक में आईआईटी की स्थापना होनी तय है।
IIT के लिए जरूरत पड़ेगी 300 एकड़ जमीन
केंद्र का पत्र मिलने के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक की तरफ से प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर कम से कम 300 एकड़ जमीन आईआईटी के लिए चिन्हित करने को कह दिया गया है। हरियाणा में पहले भी कई बड़ी परियोजनाएं जमीन के अभाव में सिरे नहीं चढ़ सकी हैं। आईआईटी की इस बड़ी परियोजना के लिए एक ही स्थान पर 300 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। अलग-अलग स्थानों पर जमीन का चयन कर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजा जाएगा। इसके बाद केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की टीम द्वारा हरियाणा का दौरा कर किसी एक जमीन पर प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी जाएगी। यह विभाग धर्मेंद्र प्रधान का है, जो कि विधानसभा चुनाव में हरियाणा के प्रभारी भी रहे हैं।
कुरुक्षेत्र में बनने की संभावना अधिक
संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने धर्मेंद्र प्रधान को आईआईटी के लिए राजी किया है। मनोहर लाल करनाल से सांसद हैं, जबकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद रह चुके हैं और कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा विधानसभा सीट से विधायक हैं। नायब सैनी करनाल से भी विधायक रह चुके हैं। हालांकि, राज्य के पांचों भाजपा सांसद अपने-अपने क्षेत्र में आईआईटी के लिए कोशिश करते नजर आएंगे, लेकिन संभावना है कि करनाल अथवा कुरुक्षेत्र में कहीं आईआईटी का तोहफा दिया जा सकता है। केंद्र में अपनी मजबूत पकड़ के चलते केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी इस प्रोजेक्ट को लपक लें तो कोई हैरानी नहीं होगी। गुरुग्राम समेत इन सभी क्षेत्रों में जमीन काफी महंगी है। भिवानी क्षेत्र में जमीन की उपलब्धता अधिक रहती है, इस बात का फायदा धर्मबीर सिंह उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे।